SGOT (Serum Glutamic-Oxaloacetic Transaminase) एक प्रकार का एंजाइम है जो मुख्य रूप से लिवर और हृदय की कोशिकाओं में पाया जाता है। यह टेस्ट शरीर में इस एंजाइम के स्तर को मापता है और लिवर एवं हृदय से जुड़ी समस्याओं का पता लगाने में मदद करता है।
SGOT टेस्ट क्यों किया जाता है?
SGOT टेस्ट आमतौर पर लिवर की सेहत की जांच के लिए किया जाता है। यदि किसी व्यक्ति को लिवर से जुड़ी समस्याएँ, जैसे हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस या फैटी लिवर की संभावना होती है, तो डॉक्टर यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, यह टेस्ट हृदय रोगों और मांसपेशियों की क्षति का पता लगाने में भी मदद करता है।
SGOT टेस्ट की आवश्यकता कब होती है?
डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह तब देते हैं जब किसी व्यक्ति को निम्नलिखित लक्षण होते हैं:
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लगातार थकान
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पेट में सूजन या दर्द
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भूख न लगना
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त्वचा और आँखों का पीला पड़ना (पीलिया)
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उल्टी या मिचली आना
SGOT ब्लड टेस्ट कैसे किया जाता है?
यह एक साधारण ब्लड टेस्ट होता है, जिसमें मरीज की बाजू से खून का एक नमूना लिया जाता है। इस टेस्ट के लिए आमतौर पर खाली पेट रहने की जरूरत नहीं होती, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार पालन करना ज़रूरी होता है।
SGOT टेस्ट का सामान्य स्तर क्या होता है?
आम तौर पर SGOT का सामान्य स्तर:
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पुरुषों में: 10-40 IU/L
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महिलाओं में: 9-32 IU/L
यदि SGOT का स्तर सामान्य से अधिक हो, तो यह लिवर या हृदय से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकता है।
SGOT का स्तर बढ़ने के कारण
SGOT का स्तर बढ़ने के कुछ संभावित कारण हैं:
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हेपेटाइटिस
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अधिक मात्रा में शराब का सेवन
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लिवर सिरोसिस
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हार्ट अटैक
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कुछ दवाओं का अधिक सेवन
SGOT का स्तर कम करने के उपाय
SGOT के उच्च स्तर को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:
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हेल्दी डाइट लें, जैसे हरी सब्जियाँ और फाइबर युक्त भोजन
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शराब और अधिक वसा वाले भोजन से बचें
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नियमित व्यायाम करें
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डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का सही तरीके से सेवन करें
निष्कर्ष
SGOT ब्लड टेस्ट लिवर और हृदय की सेहत का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण होता है। यदि आपके टेस्ट के परिणाम सामान्य सीमा से बाहर आते हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है। समय पर जाँच और सही जीवनशैली अपनाकर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं।